Showing posts with label बुराई पर अच्छाई की विजय. Show all posts
Showing posts with label बुराई पर अच्छाई की विजय. Show all posts

Thursday, 12 November 2015

इन पंक्तियों के साथ सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

हे तमस नाशिनी , दीप स्वामिनी 
दीपावली ! स्वर्ग की मेनका 
इस धरा की शकुन्तला तुम ,
 मदिरालय की हाला 
शिवगंगे का नीर तुम,
 माँ की ममता 
इन नयनों का नूर तुम,
 दुल्हन का श्रृंगार - रूप 
कवि - कल्पना हो तुम। 
आज
 टिमटिमाते तारों जड़ी 
चादर से उतर 
लरजते महावरी पैरों से 
तुमने 
धरा के हृदय - स्थल को छुआ है। 
हमने भी राह में 
 बिछाये हैं 
पलकों के दरीचे। 
महावरी पैरों की छाप 
हमारे आँगन भी लाना । 
हृदय तमस को दूर कर 
ज्योति - पुँज जगाना 
तन - मन भरमाना 
तन - मन भरमाना।