Monday 5 September 2016

मोदी समर्थकों के लिए सन्देश -

           दोस्तों ! मैं किसी भी तरह की राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक कार्यों से जुड़ी हुई नहीं हूँ । मैं सिर्फ उस व्यक्ति को सलाम करती हूँ , जो इस वक्त अपने देश की आन, बान और शान के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। जी हाँ, मैं बात कर रही हूँ माननीय नरेंद्र दास मोदी जी की। इस वक़्त मोदी जी देश के बाहर अपने देश को उसके मुकम्मल स्थान तक पहुँचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं , तो वही अपने देश के अंदर अपने ही लोगों से एक लड़ाई लड़ रहे हैं , वो है खुद के प्रति कुछ लोगों द्वारा किए गए विरोध की लड़ाई । बाहरी दुश्मनों से कम घर के दुश्मनों से कुछ ज्यादा ही लड़ना पड़ रहा है। मेरा सवाल मात्र हर उस व्यक्ति से है जो मोदी जी के द्वारा किए गए कार्यों को समझ रहा है और उन्हें सपोर्ट करने के चक्कर में दूसरे लोगों के द्वारा लगाए गए आक्षेपों का जबाब अपने स्तर से देने की कोशिश कर रहा है वो भी उन्हीं की भाषा में ।
           मोदी जी की पार्टी हो , समर्थक हों या मात्र उन्हें चाहने वाले , मैं सभी से करबद्ध प्रार्थना करती हूँ कि जिस खामोशी से मोदी जी अपना कार्य करते जा रहे हैं और काम करके अपना स्थान बना रहे हैं , उसी तरह आप लोग भी क्यों नहीं करते ? विपक्ष पर छींटाकशी , आरोप - प्रत्यारोप , पुराने मसलों को उठाना , अभद्र भाषा का प्रयोग यह सब क्या है ? कभी सोचा है जिसके लिए आप सब ऐसा कृत्य करते हैं , अनजाने में कहीं आपका यह कृत्य मोदी जी की साख पर बट्टा तो नहीं लगा रहा ?   ज़ाहिर सी बात है कुछ बातें हम जानकर नहीं करते पर वह किसी एक व्यक्ति के विपरीत चली ही जाती हैं । वास्तव में अगर आप मोदी समर्थक हो तो बोलकर नहीं काम करके अपनी जगह दिखाओ , उसे बनाओ , जैसे आपके मोदी जी कर रहे हैं । विदेश यात्राओं पर इतनी उंगलियाँ उठीं पर आज जो परिणाम सामने आ रहे हैं उसके कारण उठी उंगलियाँ खुद ब खुद झुक रही हैं, बोलने वाले अपने आप अपना मुंह बंद करने लगे हैं । मानना पड़ेगा दुश्मनों को किस तरह से अभिमन्यु चक्र में घेरा है। यद्यपि जनता अब भोली या बेवकूफ़ नहीं है कि उसे सच या झूठ समझाया जाए , तभी वो समझ सकेगी लेकिन हाँ ! ये भी सच है कि हम जो कर रहें हैं उसे बताना और दिखाना तो पड़ेगा ही । चलन तो यही है इसलिए नमो - समर्थकों ! आप जो सही कर रहे हो उसे जनता के समक्ष ज़रूर रक्खो मगर सिर्फ अपना पक्ष । दूसरे को नीचा दिखाना , उसकी गलतियों को उजागर करना , उसी के स्तर पर गिरकर उसी तरह की अभद्र भाषा में बात करना शोभा नहीं देता । मज़ा तो तब है बिना किसी को नीचे गिराए आप अपने कार्यों एवं व्यवहार द्वारा अपने आप को इतना ऊपर उठा लें कि सामने वाला स्वयं ही घुटने टेक दे ।
          तात्पर्य सिर्फ इतना है कि आपके इस विपरीत आचरण से कहीं मोदी जी की साख पर उल्टा असर ना हो जाए। संसार के नक्शे में हिंदुस्तान को एक मुकम्मल पहचान दिलाने वाले और अभी भी उसी प्रयास में लगे रहने वाले माननीय नरेंद्र मोदी जी को मेरा नमन है........
                                                                                       नीलिमा कुमार