Wednesday, 16 November 2016

एक निवेदन : नोटों के लिए कुछ ऐसा करें -

देश के हर उस व्यक्ति से मेरा विनम्र निवेदन है जो अपने नोट बदलने के लिए लाइन में खड़ा है। ये वाकया आप सबसे इसलिए बाँट रही हूँ,  कि इन लंबी  लाइनों के चलते एक बैंककर्मी के ऊपर क्या गुजर सकती है,  वो आप भी जानिए - 
     मेरे पति bank employee  हैं,  इसलिए जो घटना मैं आपको बताने जा रही हूँ वह शत प्रतिशत सत्य घटना है ।  3 - 4 दिन पहले  लखनऊ उत्तर प्रदेश स्थित भारतीए स्टेट बैंक की एक ब्रांच में एक सज्जन ने अपने account से ₹10000 निकाला और अपने घर चले गए । करीबन दो-तीन घंटे बाद वो सज्जन पुन: उस काउंटर पर पहुँचे और उसी व्यक्ति को उन्होंने ₹ 2000 के 5 नोट यह कहकर वापस किए कि आपको मुझे मात्र ₹10000 देने थे और आपने मुझे 20 हजार दे दिए।  सबसे पहले इस ईमानदारी के लिए उक्त सज्जन  को मेरा साधुवाद और नमन है ।
         10 और 11 तारीख को लगातार दो दिन तक सुबह 9:30 से रात 12:00 बजे तक काम करने वाले बैंक कर्मी की मनोदशा क्या होगी ? आप इससे अंदाजा लगाइए कि उसने नींद और थकान के चलते एक व्यक्ति को ज्यादा पेमेंट कर दिया। हाँ ! सम्भवतः एक कारण यह भी रहा होगा कि अभी तक एक हजार के नोट गिनते थे और अचानक से दो हजार  के नोट गिन रहें हैं । एक बात और भी सोचने वाली है कि यदि यह पैसा वापस नहीं आता तो क्या होता ? अपने देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सभी बैंक कर्मी माननीय मोदी जी का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं,  इसके लिए बैंक कर्मियों ने अपनी नींद और आराम का तो त्याग किया ही है  उसके साथ अपने परिवारों को भी अनदेखा किया है ।
         दोस्तों ! मेरी आपसे एक छोटी सी अपील है कि जिनका भी  बैंक या पोस्ट् ऑफिस में account है वो लोग कृपया अपने account में पैसा जमा करें और चेक , ड्राफ्ट या ATM द्वारा ही पैसा निकालें। जहाँ credit  या debit card द्वारा  शॉपिंग या पेमेंट हो सकता हो , वहाँ  कार्ड का ही इस्तेमाल करें । ऐसा करने से निम्नवर्ग के व्यक्ति और बैंक कर्मी को काफी हद तक राहत मिल सकती है । जैसे -
1- बैंक और ATM पर लगने वाली लाइन छोटी हो जाएंगी ।
2- बेवजह लडाई - मारपीट बंद होगी ।
3- निम्नवर्ग जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है नोट बदलने की , उसका समय बचेगा एवं काम का हर्जा नहीं होगा। निम्नवर्ग ही रोज कुआँ खोदता है तो पानी पीता है।
4- बैंक कर्मी के शरीर - मन को थोड़ा आराम मिलेगा।
5-  जो सक्षम हैं वह कुछ समय बाद भी अपने नोट change करवा सकते हैं।
       दोस्तों ! अपने देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए आप भी निम्नवर्ग  एवं  बैंककर्मी के कंधे से कंधा मिलाकर चलें और  मोदी जी के इस प्रयास को सफल और सार्थक बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें । अपने पूरे बैंक  परिवार की ओर से आप सब की तहेदिल से आभारी रहूँगी ।
                                                                                 धन्यवाद
                                                                             नीलिमा कुमार
   

Thursday, 10 November 2016

ऐतिहासिक फैसले का अभिनंदन, हिन्द के लिए कुछ और कड़े फैसलों की ज़रूरत :

         यकीं नहीँ होता कि कोई शख्स इतना मज़बूत हो सकता है। एक के बाद एक ऐसे झटके जिसने देश की आवाम के साथ साथ हर प्रकार के नेता और बड़े बड़े लोगों के छक्के छुड़ा दिए। आपके लिए सिर झुका कर नमन है मोदी सर...
      एक विस्फोट किया तो पाकिस्तान हिल गया, वहीं दूसरा विस्फोट किया तो बड़े बड़े लोग हिल गए। बहुत बढ़िया और सटीक कदम उठाया है आपने और सबसे बड़ी बात यह है कि बिना समय दिये इस फैसले को लागू कर दिया । आपके इस कदम पर जहाँ दूसरी पार्टियाँ,  कथित नेतागण आम आदमी के कन्धे पर बन्दूक रख सवाल उठा रहे हैं,  अपना क्रोध और खीझ व्यक्त कर रहे हैं आपके सामने , तो दूसरी ओर वहीं आम आदमी बहुत खुश है जो मानता है कि उसे थोड़ी तकलीफ जरुर उठानी पड़ रही है किन्तु यह परेशानी कुछ समय की ही है । वह तो इस एक बात से ही खुश है कि  अमीर गरीब के बीच के फासले जरूर घटेंगे ।  कुछ दिन की इस परेशानी को झेलने के लिए एक आम आदमी खुशी खुशी तैयार है। हाँ ! कहीं न कहीं ऐसे लोग ज़रूर पिस जाएंगे , जिनके पास वास्तव में मेहनत से कमाया सफेद धन है। 

       अपना अनुभव बताना चाहती हूँ कि जहाँ मैं रहती हूँ वह एक अपार्टमेंट है । मेरे पति एक बैंक में कार्यरत हैं , इस नाते रात 12:00 बजे तक उनके पास कई फोन आए । जैसे - मैं डॉक्टर हूँ । मेरे यहाँ लोग cash ही देते हैं ।  ज्यादातर लोग  500 या 1000 के नोट से ही payment करते हैं । मेरा पैसा कैसे cash होगा ?    एक और फोन -   मैं बिल्डर हूँ । मेरे पास तो black n white दोनों ही है , मैं क्या करूं ? आदि आदि । इसके विपरीत मेरे पास मेरे यहाँ काम करने वाले लोगों ने फोन किया या खुद पूछने आए । उनके सवाल कुछ ऐसे थे - मैम ! मुझे कल ही salary  मिली थी ₹6000 हैं सब 500 के नोट हैं,  अब यह सब क्या बेकार हो जाएंगे ?  मैं क्या करूं ? तो मैंने उसे नोट एक्सचेंज करने के बारे में बताया, सुनकर उसने ठंडी सांस ली और बोला तब कोई बात नहीं पैसे मिल तो जाएंगे ना , दो चार दिन बाद ही सही । इसी तरह की छोटी-छोटी जानकारियाँ लोगों ने मुझसे मांगी । पूर्ण जानकारी के अभाव में यह सभी लोग परेशान थे किंतु अपने मतलब की सब जानकारी मिलने के बाद उनकी परेशानी , चिंता जैसे सब मिट गई। आज सुबह हर व्यक्ति अपना काम शांति से करके चला गया, उनको देखकर लगा ही नहीं कि कल रात कोई ऐतिहासिक फैसला लिया गया था।  हाँ ! इस ऐतिहासिक फैसले का असर दिखा दोपहर में हुई हमारे क्लब की पार्टी में। लोगों में काफी बेचैनी दिखाई पड़ी । वार्तालाप का विषय बार-बार घूम कर इन्हीं 500 और 1000 के नोट पर आकर रुक जा रहा था। और भी हद देखने को तब मिली  जब शाम को मैंने अपने धोबी को 152 रुपये कपड़ों की प्रेस कराई के दिए,  तो वह बहुत खुश हुआ , उसने कहा कि आज सिर्फ यही पैसा मिला है क्योंकि आज जिस जिस ने कपड़े प्रेस के लिए दिए थे और मैं इस वक्त कपड़े प्रेस करके उनके घर पहुंचाने गया तो हर व्यक्ति ने 500 का नोट मुझे यह कहकर देना चाहा कि टूटे नहीं हैं,  इसीलिए मुझे कहना पड़ा कि जब आपके पास टूटे हो जाएँ तब दे दीजिएगा । 

         मुझे ताज्जुब होता है और अंतर भी यहीं दिखता है कि कैसे पैसे वाला व्यक्ति  अपने ₹500 के नोट को चलाने में लगा है और कितना परेशान हैं जबकि वहीं जमीन से जुड़ा व्यक्ति शाँत चित्त से अपने काम में लगा हुआ है। सिक्के के दो पहलू होते हैं ये तो शाश्वत सत्य है , इस से क्या डरना .... आप देश हित में  जो भी फैसले  ले रहे हैं  मुझे लगता है  कि एक आम आदमी  आपके  इन फैसलों का  खुले दिल से  स्वागत कर रहा है  और शुरुआती दौर में इन फैसलों से जो कठिनाईयाँ सामने आएंगी, उन्हें एक आम आदमी बर्दाश्त करने के लिए  तैयार है । सच्चाई तो यही है कि देश का एक आम आदमी थोड़ी परेशानी सहकर भी इस ऐतिहासिक फैसले का तहे दिल से स्वागत कर रहा है। कुछ और कड़े फैसलों के लिए देश को तैयार रहना ही पड़ेगा,  तभी हम अपने  पुराने,  खूबसूरत हिंद को देख पाएंगे।  मोदी सर ! हमें आप पर गर्व है , पुन: एक बार आपको नमन है.......
                                                                   नीलिमा कुमार